जिन के किरदार से आती हो सदाक़त की महक
उन की तदरीस से पत्थर भी पिघल सकते हैं,,
किरदार सबसे ऊंचा और जबरजस्त रखता हु,
शायद इसीलिए कमबख्त लोगो की आंखों मै खटकता हु,,,,
रिश्तों को निभाने के लिए किसी भी हद से कर गुजरता हु,
शायद इसीलिए कमबख्त लोगो की आंखों मै खटकता हु,,,,
है भोले आपके दिए हुए संस्कारों की वजह से ही किसी पर पलट कर वार नही करता हु,,,,
शायद इसीलिए कमबख्त लोगो की आंखों मै खटकता हु,,,,
मुझे डर लगता है इस नश्वर संसार के लोगो से,,
शायद इसीलिए बाबा महाकाल जीवन पथ पर आपकी उंगली थाम कर और माँ की आंचल की छाव मैं पलता हु, ,,, 😇😇😇😇♥️♥️♥️♥️♥️💗💗💗