आज किसी ने कहा कि बेटी होने से दुखी हु,
तो उनको कहना चाहता हु कि बोझ नहीं है वो उनको बोझ समझना बंद करो उनके भाग्य का भी भगवान ने तुमको दिया है पर फिर भी वो तुम्हे बोझ लग रही है
हर बाप बेटी के भाग्य का ही खाता है ओर उस बेटी को वही बाप बोझ समझे तो ये शर्मनाक है,
ऐसे लोगों के घर मै कभी उन्नति होती ही नहीं है,
वो हमेशा दुखी ही रहते है,,,,,,,
एक बेटे के लिए इक्कठा करते करते है एक बाप बेटी के साथ अन्याय कर देता है, ओर उसे उसके हक से वंचित कर देता है फिर भी उस बाप के दुख सुख मै वो बेटी ही काम आती है पर वो बाप इस बात को जानते हुए भी लालचवश अंधा हो जाता है और उसका अंत भी दर्दनाक होता है
न जाने कितने जन्मों के शुभ कर्मों के फलों से होती है बेटियां,
एक साथ 2 कुलो का नाम रोशन करती है संस्कारवान बेटियां,
यू ही हर किसी भिखारी को नहीं देता है भगवान बेटियां
ओर फिर भी किसी को लगता है कि बेटी उसके लिए बोझ है या उसके होने से वो दुखी हैं तो भगवान को उससे कन्यादान का सौभाग्य ही छीन लेना चाहिए 🥺🥺🥺🥺